भगवान शिव जी के 108 नाम

शिव पुराण में एक कथा मिलती है जिसमें अन्धक नाम का एक राक्षस था। जिसको शिव जी ने अपने त्रिशूल पर टांग दिया था। उसने त्रिशूल में लटके हुए ही, शिव जी के इन 108 नामों का जाप किया और भगवान शिव को प्रसन्न किया। वह 108 नाम इस प्रकार है –

भगवान ने कैसे अपना पुत्र होने का कर्तव्य निभाया।

एक गांव में एक धनी व्यक्ति रहता था जिसके पास बहुत सारी संपत्ति थी लेकिन उसकी कोई संतान नहीं थी। वह भगवान कुंज बिहारी की सेवा करते थे तो उन्होंने अपनी संपत्ति से कुंज बिहारी का मंदिर बनवा दिया। उनकी कोई संतान नहीं थी इसलिए वह कुंज बिहारी जी को ही अपना पुत्र मानते थे। … Read more

कैसे एक भोले भक्त के बुलाने पर पूरा राम दरबार सेवा करने आ गया। अढ़ैया भक्त की कथा।

एक अढ़ैया नाम का व्यक्ति था। जो दिन में ढाई किलो आटे की ही रोटी खाता था। उसके माता पिता का देहांत हो गया था। तो वह उसके रिश्तेदारों के यहाँ रहता था लेकिन उसको रोज ढाई किलो की रोटी बनाकर कौन खिलता इसलिए उसके रिश्तेदारों ने भी उसको घर से निकाल दिया। अब उसके … Read more

कैसे एक डाकू भगवान कृष्ण को लूटने आया।

एक बार एक गोवर्धन नाम का डाकू था जिसने कभी भगवान की चर्चा नहीं सुनी कभी राम नाम नहीं सुना, कभी कृष्ण नाम कभी नहीं सुना। लेकिन उसने पिछले जन्म के कुछ पुण्य कर्म कर रखे होंगे जो इस जन्म में उसका भगवत नाम गोवर्धन पड़ा। वह डाकू था उसने चोरी किया था इसलिए उसके … Read more

उपमन्यु ने शिव जी से गाणपत्य पद और दूध का समुद्र कैसे प्राप्त किया?

उपमन्यु नाम का एक अति तेजस्वी बालक था। उसने अपने मामा के घर जाकर थोड़ा सा दूध पिया था। मामा के पुत्र ने इस इर्ष्या के कारण उसे दूध नहीं पीने दिया और पूरा दूध स्वयं पी गया। उपमन्यु ने अपनी मां से गरम – गरम उत्तम दूध और माँगा। उसकी मां में उसे बहुत … Read more