भगवान शिव जी के 108 नाम

शिव पुराण में एक कथा मिलती है जिसमें अन्धक नाम का एक राक्षस था। जिसको शिव जी ने अपने त्रिशूल पर टांग दिया था। उसने त्रिशूल में लटके हुए ही, शिव जी के इन 108 नामों का जाप किया और भगवान शिव को प्रसन्न किया। वह 108 नाम इस प्रकार है –

शिव जी ने जलन्धर का वध कैसे किया ?

शिव – जलन्धर युद्ध तथा जलन्धर का वध जलन्धर नामक एक दैत्य था। उसने तपस्या से बहुत बल प्राप्त किया। उसने यक्ष, गंधर्व, उरक, दैव, दानव सभी को जीत लिया। ब्रह्मा को भी जीत लिया। फिर भगवान विष्णु को जीतने के लिए लगातार उनके साथ युद्ध किया। बाद में उसने विष्णु को भी जीत लिया। … Read more

भगवान शिव ने कैसे एक राक्षस को अपने गण का गणपति बनाया।

अन्धक के गणपति बनने की कथा हिरण्याक्ष का पुत्र पूर्व में अन्धक नाम से प्रसिद्ध था। उसके सोने के जैसे नेत्र थे। उसने तपस्या द्वारा ब्रह्मा जी से अमर होने का वरदान प्राप्त कर लिया था। इसके चलते उसने त्रिलोकी को जीत कर भोगने लगा। इंद्र आदि देवताओं को पीड़ा देने लगा। देवताओं को अनेक … Read more

कैसे श्वेत मुनि ने शिव भक्ति से काल पर विजय पाई ? श्वेत मुनि की कथा।

श्वेत नाम के मुनि पर्वत की गुफा में ‘ नमस्ते रूद्र मन्येव ‘ इस रुद्राष्ट्राध्यायी से शिव की स्तुति करने में लगे थे। तभी वहाँ महातेजस्वी काल श्वेत मुनि को लेने के लिए उनके पास आया। श्वेत इस काल को देखकर शंकर भगवान की स्तुति करने लगा। त्रयंबक, सुगंधी, पुष्टिवर्धन इत्यादि नामों से शिव को … Read more

नारद जी ने मोह में आकर बिष्णु जी को श्राप क्यों दिया?

नारद जी का तपस्या करने जाना तथा इंद्र के द्वारा कामदेव से नारद जी की तपस्या में विघ्न डलवाना एक बार नारद जी तपस्या में मन लगाने हिमालय पर्वत कि एक गुफा में गए। वह गुफा बड़ी शोभा से सम्पन दिखाई देती थी। उसी के निकट देवनदी गंगा निरंतर वेगपूर्वक बहती थी। वहां एक महान … Read more

माता सीता जी पर आरोप लगाने वाले धोबी का क्या हुआ?

जब रामजी अयोध्या छोड़कर बैकुंठ जाने लगे। तब सारे नगर वासी उनके पीछे-पीछे आ गए और कहा- प्रभु! आप जहां जाओगे हमें भी वहां साथ ले चलो। सारे नगर वासी राम जी से विनती करने लगे। तब राम जी ने सबको कहा- ठीक है आप सभी मेरे साथ बैकुंठ चलिए। राम जी ने सभी के … Read more