रावण के पिता विश्रवा मुनि के जन्म की कथा तथा विश्रवा पुत्र वैश्रवण कैसे कुबेर बने।

पूर्व सतयुग में ब्रह्मा के एक पुत्र पुलस्त्य नामक थे। जिनके तप का प्रभाव ब्रह्मा जी के ही समान था और वह विमल गुणवान भी थे। इसलिए वह सभी के मित्र बन गए। तप करने की इच्छा से वे मुनिश्रेष्ठ मेरु पर्वत के समीप तृणबिंदु के आश्रम में जाकर तप करने लगे। तब उनको तप … Read more

भगवान ने कैसे अपना पुत्र होने का कर्तव्य निभाया।

एक गांव में एक धनी व्यक्ति रहता था जिसके पास बहुत सारी संपत्ति थी लेकिन उसकी कोई संतान नहीं थी। वह भगवान कुंज बिहारी की सेवा करते थे तो उन्होंने अपनी संपत्ति से कुंज बिहारी का मंदिर बनवा दिया। उनकी कोई संतान नहीं थी इसलिए वह कुंज बिहारी जी को ही अपना पुत्र मानते थे। … Read more

कैसे एक भोले भक्त के बुलाने पर पूरा राम दरबार सेवा करने आ गया। अढ़ैया भक्त की कथा।

एक अढ़ैया नाम का व्यक्ति था। जो दिन में ढाई किलो आटे की ही रोटी खाता था। उसके माता पिता का देहांत हो गया था। तो वह उसके रिश्तेदारों के यहाँ रहता था लेकिन उसको रोज ढाई किलो की रोटी बनाकर कौन खिलता इसलिए उसके रिश्तेदारों ने भी उसको घर से निकाल दिया। अब उसके … Read more

कैसे एक डाकू भगवान कृष्ण को लूटने आया।

एक बार एक गोवर्धन नाम का डाकू था जिसने कभी भगवान की चर्चा नहीं सुनी कभी राम नाम नहीं सुना, कभी कृष्ण नाम कभी नहीं सुना। लेकिन उसने पिछले जन्म के कुछ पुण्य कर्म कर रखे होंगे जो इस जन्म में उसका भगवत नाम गोवर्धन पड़ा। वह डाकू था उसने चोरी किया था इसलिए उसके … Read more

क्या हुआ ? जब स्वयं नारायण और लक्ष्मी जी अपने एक भक्त के घर परीक्षा लेने पहुंचे।

एक बार लक्ष्मी जी विष्णु जी से कहने लगी प्रभु वैसे प्रथ्वी लोक में महिमा तो आपकी बहुत है लेकिन वोट करवायेंगे तो जीतेंगे तो हम ही। इस बात पर बिष्णु जी लक्ष्मी जी से कहते है- अच्छा! ऐसी बात है तो अभी देख लेते है, चलो तुम अपना प्रभाव दिखाओ हम अपना दिखाते है। … Read more

उपमन्यु ने शिव जी से गाणपत्य पद और दूध का समुद्र कैसे प्राप्त किया?

उपमन्यु नाम का एक अति तेजस्वी बालक था। उसने अपने मामा के घर जाकर थोड़ा सा दूध पिया था। मामा के पुत्र ने इस इर्ष्या के कारण उसे दूध नहीं पीने दिया और पूरा दूध स्वयं पी गया। उपमन्यु ने अपनी मां से गरम – गरम उत्तम दूध और माँगा। उसकी मां में उसे बहुत … Read more

शिव के तांडव नृत्य का आरंभ कैसे हुआ?

दारुक नाम वाला एक असुर हुआ। जिसने तपस्या के द्वारा वरदान प्राप्त किया था वह उसके प्रभाव से देवों और ब्राह्मणों को प्रलय की अग्नि के समान दुख देने लगा। दारुक के द्वारा पीड़ित हुए देवता, ब्रह्मा, ईशान, कुमार, यम, इंद्र, विष्णु आदि की शरण में पहुंचे और कहा कि हे महाराज ! यह दैत्य … Read more

शिव जी ने जलन्धर का वध कैसे किया ?

शिव – जलन्धर युद्ध तथा जलन्धर का वध जलन्धर नामक एक दैत्य था। उसने तपस्या से बहुत बल प्राप्त किया। उसने यक्ष, गंधर्व, उरक, दैव, दानव सभी को जीत लिया। ब्रह्मा को भी जीत लिया। फिर भगवान विष्णु को जीतने के लिए लगातार उनके साथ युद्ध किया। बाद में उसने विष्णु को भी जीत लिया। … Read more

भगवान शिव ने कैसे एक राक्षस को अपने गण का गणपति बनाया।

अन्धक के गणपति बनने की कथा हिरण्याक्ष का पुत्र पूर्व में अन्धक नाम से प्रसिद्ध था। उसके सोने के जैसे नेत्र थे। उसने तपस्या द्वारा ब्रह्मा जी से अमर होने का वरदान प्राप्त कर लिया था। इसके चलते उसने त्रिलोकी को जीत कर भोगने लगा। इंद्र आदि देवताओं को पीड़ा देने लगा। देवताओं को अनेक … Read more

कैसे श्वेत मुनि ने शिव भक्ति से काल पर विजय पाई ? श्वेत मुनि की कथा।

श्वेत नाम के मुनि पर्वत की गुफा में ‘ नमस्ते रूद्र मन्येव ‘ इस रुद्राष्ट्राध्यायी से शिव की स्तुति करने में लगे थे। तभी वहाँ महातेजस्वी काल श्वेत मुनि को लेने के लिए उनके पास आया। श्वेत इस काल को देखकर शंकर भगवान की स्तुति करने लगा। त्रयंबक, सुगंधी, पुष्टिवर्धन इत्यादि नामों से शिव को … Read more