भगवान ने कैसे अपना पुत्र होने का कर्तव्य निभाया।
एक गांव में एक धनी व्यक्ति रहता था जिसके पास बहुत सारी संपत्ति थी लेकिन उसकी कोई संतान नहीं थी। वह भगवान कुंज बिहारी की सेवा करते थे तो उन्होंने अपनी संपत्ति से कुंज बिहारी का मंदिर बनवा दिया। उनकी कोई संतान नहीं थी इसलिए वह कुंज बिहारी जी को ही अपना पुत्र मानते थे। … Read more