भगवान ने कैसे अपना पुत्र होने का कर्तव्य निभाया।

एक गांव में एक धनी व्यक्ति रहता था जिसके पास बहुत सारी संपत्ति थी लेकिन उसकी कोई संतान नहीं थी। वह भगवान कुंज बिहारी की सेवा करते थे तो उन्होंने अपनी संपत्ति से कुंज बिहारी का मंदिर बनवा दिया। उनकी कोई संतान नहीं थी इसलिए वह कुंज बिहारी जी को ही अपना पुत्र मानते थे। … Read more

कैसे एक भोले भक्त के बुलाने पर पूरा राम दरबार सेवा करने आ गया। अढ़ैया भक्त की कथा।

एक अढ़ैया नाम का व्यक्ति था। जो दिन में ढाई किलो आटे की ही रोटी खाता था। उसके माता पिता का देहांत हो गया था। तो वह उसके रिश्तेदारों के यहाँ रहता था लेकिन उसको रोज ढाई किलो की रोटी बनाकर कौन खिलता इसलिए उसके रिश्तेदारों ने भी उसको घर से निकाल दिया। अब उसके … Read more

कैसे एक डाकू भगवान कृष्ण को लूटने आया।

एक बार एक गोवर्धन नाम का डाकू था जिसने कभी भगवान की चर्चा नहीं सुनी कभी राम नाम नहीं सुना, कभी कृष्ण नाम कभी नहीं सुना। लेकिन उसने पिछले जन्म के कुछ पुण्य कर्म कर रखे होंगे जो इस जन्म में उसका भगवत नाम गोवर्धन पड़ा। वह डाकू था उसने चोरी किया था इसलिए उसके … Read more

क्या हुआ ? जब स्वयं नारायण और लक्ष्मी जी अपने एक भक्त के घर परीक्षा लेने पहुंचे।

एक बार लक्ष्मी जी विष्णु जी से कहने लगी प्रभु वैसे प्रथ्वी लोक में महिमा तो आपकी बहुत है लेकिन वोट करवायेंगे तो जीतेंगे तो हम ही। इस बात पर बिष्णु जी लक्ष्मी जी से कहते है- अच्छा! ऐसी बात है तो अभी देख लेते है, चलो तुम अपना प्रभाव दिखाओ हम अपना दिखाते है। … Read more

शिव जी ने जलन्धर का वध कैसे किया ?

शिव – जलन्धर युद्ध तथा जलन्धर का वध जलन्धर नामक एक दैत्य था। उसने तपस्या से बहुत बल प्राप्त किया। उसने यक्ष, गंधर्व, उरक, दैव, दानव सभी को जीत लिया। ब्रह्मा को भी जीत लिया। फिर भगवान विष्णु को जीतने के लिए लगातार उनके साथ युद्ध किया। बाद में उसने विष्णु को भी जीत लिया। … Read more

भगवान शिव ने कैसे एक राक्षस को अपने गण का गणपति बनाया।

अन्धक के गणपति बनने की कथा हिरण्याक्ष का पुत्र पूर्व में अन्धक नाम से प्रसिद्ध था। उसके सोने के जैसे नेत्र थे। उसने तपस्या द्वारा ब्रह्मा जी से अमर होने का वरदान प्राप्त कर लिया था। इसके चलते उसने त्रिलोकी को जीत कर भोगने लगा। इंद्र आदि देवताओं को पीड़ा देने लगा। देवताओं को अनेक … Read more

नारद जी ने मोह में आकर बिष्णु जी को श्राप क्यों दिया?

नारद जी का तपस्या करने जाना तथा इंद्र के द्वारा कामदेव से नारद जी की तपस्या में विघ्न डलवाना एक बार नारद जी तपस्या में मन लगाने हिमालय पर्वत कि एक गुफा में गए। वह गुफा बड़ी शोभा से सम्पन दिखाई देती थी। उसी के निकट देवनदी गंगा निरंतर वेगपूर्वक बहती थी। वहां एक महान … Read more

माता सीता जी पर आरोप लगाने वाले धोबी का क्या हुआ?

जब रामजी अयोध्या छोड़कर बैकुंठ जाने लगे। तब सारे नगर वासी उनके पीछे-पीछे आ गए और कहा- प्रभु! आप जहां जाओगे हमें भी वहां साथ ले चलो। सारे नगर वासी राम जी से विनती करने लगे। तब राम जी ने सबको कहा- ठीक है आप सभी मेरे साथ बैकुंठ चलिए। राम जी ने सभी के … Read more

अग्नि पुराण में बुद्ध और कल्कि अवतारों की कथा

यह कथा अग्नि पुराण के सोलहवाँ अध्याय में वर्णित है जिसमें अग्नि देव कहते हैं – अब मैं बुद्ध अवतार का वर्णन करूंगा, जो पढ़ने और सुनने वालो के मनोरथ को सिद्ध करने वाला है। पूर्व काल में देवताओं और असुरों में घोर संग्राम हुआ। उसमें दैत्यों ने देवताओं को परास्त कर दिया। तब देवता … Read more

समुद्र मंथन कैसे हुआ? श्री हरि का कूर्म अवतार ( कछुए का अवतार ) तथा मोहिनी अवतार की कथा।

यह कथा अग्नि पुराण के तीसरे अध्याय में वर्णित है जिसमें अग्नि देव कहते हैं– वशिष्ठ ! अब मैं कूर्म अवतार का वर्णन करूंगा। यह सुनने पर सब पापों का नाश हो जाता है। पूर्व काल की बात है, देवासुर संग्राम में दैत्यों ने देवों को परास्त कर दिया। वे दुर्वासा के श्राप से भी … Read more