भगवान शिव जी के 108 नाम

शिव पुराण में एक कथा मिलती है जिसमें अन्धक नाम का एक राक्षस था। जिसको शिव जी ने अपने त्रिशूल पर टांग दिया था। उसने त्रिशूल में लटके हुए ही, शिव जी के इन 108 नामों का जाप किया और भगवान शिव को प्रसन्न किया। वह 108 नाम इस प्रकार है –

नारद जी ने मोह में आकर बिष्णु जी को श्राप क्यों दिया?

नारद जी का तपस्या करने जाना तथा इंद्र के द्वारा कामदेव से नारद जी की तपस्या में विघ्न डलवाना एक बार नारद जी तपस्या में मन लगाने हिमालय पर्वत कि एक गुफा में गए। वह गुफा बड़ी शोभा से सम्पन दिखाई देती थी। उसी के निकट देवनदी गंगा निरंतर वेगपूर्वक बहती थी। वहां एक महान … Read more

शिवपुराण के अनुसार घोर कलयुग आने पर कैसा होगा मनुष्य का आचरण?

घोर कलयुग आने पर मनुष्य घोर कलयुग आने पर मनुष्य पुण्य कर्म से दूर रहेंगे, दुराचार में फस जायँगे, सब सत्य से मुँह फेर लेंगे, दुसरो की निंदा में लगे रहेंगे। पराये धन हड़प लेने की इच्छा करेंगे। उनका मन परायी स्त्रीयों में लगा होगा तथा वे दूसरे प्राणी की हिंसा करेंगे। अपने शरीर को … Read more

शिवपुराण सुनने से कैसे एक अधर्मी को भी शिवधाम की प्राप्ति हुई?

हर हर महादेव एक नगर में एक ब्राह्मण रहता था, जिसका नाम देवराज था। उसे वैदिक धर्म का कोई ज्ञान नहीं था। वह दरिद्र, कुसंगी, स्नान संध्या आदि से बहुत दूर रहता और वैश्यावृती में लगा रहता था। वह लोगो को मुर्ख बना कर उनको लुटा करता था, वह ब्राह्मणों, क्षत्रियो, वैश्यों, शुद्रो और अन्य … Read more